۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने सजदा ए सहू के वाजिब होने के मकाम से संबंधित पूछे गए सवाल का दिया है। 

हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने सजदा ए सहू के वाजिब होने के मकाम से संबंधित पूछे गए सवाल का दिया है।  जो लोग शरई मसाइल मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब के उत्तर का पाठ प्रस्तुत कर रहे है।

1. नमाज़ के दौरान ग़लती से (अनजाने में) बात करना।
2. एक सजतदा भूल जाना।
(सलाम के बाद पहले भूले हुए सज्दे की क़ज़ा करे, फिर उसके बाद सज्दा ए सहू करे)
3. चार रकअती नमाज़ में दूसरी सजदे के बाद शक हो कि चार रकअत पढ़ी है या पाँच रकअत पढ़ी है।
4. तशाहुद भूल जाना।
(एहतियाते वाजिब की बिना पर सलाम के बाद पहले भूले हुए तशाहुद की कज़ा करे फिर उसके बाद सज्दा सहू करे।)
5. एहतियाते वाजिब की बिना पर नमाज़ में बिना वजह सलाम पढ़ना मसलन पहली रकअत में सलाम पढ़ना।

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